सडक पर भीड़ देखकर वे दोनों रूक गये।
“एक दम अभी-भी एक साइकिल सवार को कार ने ठोकर मार दी है।“ भीड़ से सूचना मिली।
“यदि शीघ्र उपचार मिल जाए, तो शायद बच जाए।”
एक आदमी ने भीड़ से निकल कर हमदर्दी जताते हुए अपने दायित्वों की इतिश्री कुछ इस नजाकत के साथ कि जैसे उसके इस कथन मात्र से घायल आदमी की डूबती साँसें लयबद्ध हो जाएँगी।
दोनों ने एक दूसरे की आँखों में देखा। एक सहमत था, दूसरा असहमत। एक मौके की गम्भीरता के साथ था, दूसरा बाद के दिनों की कानूनी उलझनों के साथ। एक को लगा कि उसे अस्पताल पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है, तो दूसरा इसे प्रशासन का दायित्व मान रहा था।
अंत में पुलिस को सूचित कर देने की बात पर सहमति बनी। सूचना देने का काम दूसरे ने लिया, क्योंकि वे जहाँ खडे थे, वह चौराहा था। चौराहे के पूर्वी छोर से एक गली कटती थी। वह गली रेलवे पुल तक जाती थी और एक को उसी रास्ते से जाना था। दूसरे को चौराहे से पशिचम दिशा में बाजार की ओर जाना था, जहाँ पुलिस चौकी थी और उसके पहले पी0सी0ओ0 था।
दोनों अपनी-अपनी दिशा में चल दिये। दस कदम चलकर दूसरा फिर से भीड़ तक लौट आया। भीड धीरे धीरे कम होने लगी थी। वह उस औंधे मँह गिरे आदमी को देखने के लिए लौटा था, जिसके बारे में पुलिस कन्ट्रोल रूम में फोन कर सूचना देने जा रहा था। वह लोगों को चीर कर अंदर गया। उस आदमी को देखते ही उसके पूरे शरीर में सनसनी सी होने लगी। वह तेजी से उस आदमी पर झुका, उसे सीधा किया और उसके सीने पर अपना काल लगाकर उसकी हृदय गति जानना चाहा। उसके चेहरे पर अब परेशानी और घबराहट का मिला जुला पसीना चुहचुहाने लगा था। वह फिर उठकर मदद के लिए भीड़ की ओर देखने लगा।
पर यह क्या? वह जगह तो सांय-सांय करते हुए रेगिस्तान में बदल चुकी थी। वह अपने घायल सगे भाई को गोद में लिए बदहवास चीखने लगा, जिसे कुछ देर पहले एक कार ठोकर मार कर चली गयी थी।
गुरुवार, 3 अप्रैल 2008
अमित कुमार- संक्षिप्त परिचय
जन्म तिथि
30 जून 1977, गोरखपुर, उ0प्र0, भारत
शिक्षा
एम0जे0 (मास्टर आफ जर्नलिज्म)
लेखन
कहानी एवं विशेषकर विज्ञान कथा लेखन में विशेष रूचि, पत्र-पत्रि काओं में कहानियाँ एवं विज्ञान लेख नियमित रूप से प्रकाशित।
पुस्तक
विज्ञान कथा संग्रह “प्रतिद्वन्द्वी” वर्ष 2005 में प्रकाशित।
अन्य विवरण
मासिक पत्रि का “सामयिक नेहा” का ढाई वर्षों तक सम्पादन एवं संयोजन।
“अपनी जमीन” के विज्ञान कथा अंक (2006) का अतिथि सम्पादन।
सम्प्रति
भारतीय खाद्य निगम, इलाहाबाद, उ0प्र0 के हिन्दी एकाँश में कार्यरत।
सम्पर्क सूत्र
वर्मा कालोनी, अलहदादपुर, निकट नांगलिया अस्पताल, गोरखपुर-273001, उ0प्र0, भारत।
ई-मेल
manjuamit@rediffmail.com
मोबाईल
09935699401
30 जून 1977, गोरखपुर, उ0प्र0, भारत
शिक्षा
एम0जे0 (मास्टर आफ जर्नलिज्म)
लेखन
कहानी एवं विशेषकर विज्ञान कथा लेखन में विशेष रूचि, पत्र-पत्रि काओं में कहानियाँ एवं विज्ञान लेख नियमित रूप से प्रकाशित।
पुस्तक
विज्ञान कथा संग्रह “प्रतिद्वन्द्वी” वर्ष 2005 में प्रकाशित।
अन्य विवरण
मासिक पत्रि का “सामयिक नेहा” का ढाई वर्षों तक सम्पादन एवं संयोजन।
“अपनी जमीन” के विज्ञान कथा अंक (2006) का अतिथि सम्पादन।
सम्प्रति
भारतीय खाद्य निगम, इलाहाबाद, उ0प्र0 के हिन्दी एकाँश में कार्यरत।
सम्पर्क सूत्र
वर्मा कालोनी, अलहदादपुर, निकट नांगलिया अस्पताल, गोरखपुर-273001, उ0प्र0, भारत।
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